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‘श्रीमद्भागवत में भक्तों की ऐसी दिव्य कथाएं हैं जिनको सुनकर हृदय में भक्ति का उदय होता है’

करनाल, अभी अभी। श्री सांवरिया मित्र मंडल की ओर से श्री कृष्ण मंदिर सेक्टर 14 में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में छठे दिन रूकमणी विवाह का वर्णन किया गया। श्री कुंजबिहारी दास जी वृंदावन वाले ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी है। जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा भगवान की प्राप्ति कराने वाली है। यह कथा मृत्यु के भय को दूर करके भगवान की और आगे बढ़ाती है और भक्ति के साथ-साथ हमारे ज्ञान वैराग्य को बल देती है। श्रीमद्भागवत की कथा सात दिन का एक ऐसा आयोजन है, जिसमें सात सौपान हैं, जिनके माध्यम से एक.एक करके हम प्रत्येक सोपान पर बढ़ते जाते हैं। अंत में अपने जीवन का लक्ष्य जान जाते हैं। श्रीमद्भागवत में भक्तों की ऐसी दिव्य कथाएं हैं जिनको सुनकर हृदय में भक्ति का उदय होता है और साथ ही साथ मनुष्य के जीवन में सुधार होता है। वह मनुष्य अपना जीवन तभी पूर्ण कर सकता है जब वह भगवान की भक्ति करेगा।

श्री कुंजबिहारी दास जी वृंदावन वाले ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें। अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करें। श्री सांवरिया मित्र मंडल के सदस्यों ने बताया कि कथा का आयोजन 26 दिसंबर तक किया जाएगा। कथा विश्राम अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। राधा रसिक मंडल की ओर से ईश्वर की महिमा का गुणगान किया जाएगा। कथा का समय दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक रखा गया है। 27 दिसंबर को सुबह हवन यज्ञ व दोपहर को भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर विजेंद्र गोयल, पवन सैनी, योगेंद्र गुप्ता, अक्षय गुप्ता, राजेश गर्ग, राकेश गोयल, पवन कुमार, पर राजीव गर्ग, अंकित गुप्ता, दीपक गोयल, तरसेम गुप्ता, जितेंद्र सिंगला, संदीप गुप्ता, पंकज गुप्ता, समीर गुप्ता, राकेश जिंदल, गणेश गर्ग व नवीन शर्मा आदि मौजूद रहे।

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