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‘सदबुद्धि प्राप्त करने के लिए करें सदगुरु, माता और भगवती शारदा का आह्वान’

करनाल, अभी अभी। मंदिर माता रामप्यारी सदर बाजार के प्रांगण में वैद्य देवेंद्र बत्तरा जी के सानिध्य में कार्तिक कथा का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार अल सुबह हवन यज्ञ करने के बाद श्रद्धालुओं ने नगर परिक्रमा की। भजनों से ईश्वर की महिमा का गुणगान किया। कार्तिक कथा सुनाते हुए स्वामी सत्यानंद जी गिरी, संत रिषी कुमार व कथा व्यास पंडित चेतन देव ने अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को निहाल किया।
इस मौके पर संत रिषी कुमार ने एकादशी पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज के दिन भगवान श्रीमन नारायण उठ जाते हैं। भगवान अपने समस्त भक्तों, समस्त प्रजाओं को अपने अपलक नेत्रों से निहारेंगे। भगवान के चर्तुभुज स्वरूप को देखकर जीव अपने अंदर शांति का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि जब हम मंदिरों में जाकर या अन्य स्थलों पर भगवान की प्रतिमा का दर्शन करते हैं तो हमारा मन शांत हो जाता है। जब प्रतिमा का पूजन करने से इतनी शांति मिल सकती है तो साक्षात दर्शनों से जीव का कल्याण हो जाता है।
इस अवसर पर स्वामी सत्यानंद जी गिरी ने कहा कि सदबुद्धि प्राप्त करने के लिए तीन व्यक्ति की आवश्यकता होती है। सदगुरु, माता और भगवती शारदा। आप तीनों का चिंतन करते रहिए सदबुद्धि प्राप्त हो जाएगी। सदबुद्धि न हो तो सभी कार्य सफल नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि संतो, ब्राह्मणों, गायों और अतिथियों की सेवा करना एक राजा का कर्तव्य होता है।
इस मौके पर पंडित चेतन देव ने कहा कि व्रत तप करने से भगवान साक्षात दर्शन देते हैं। न मिलने वाली वस्तुओं को भी तप करके प्राप्त किया जा सकता है। कार्तिक माह में आने वाली एकादशी का व्रत रखने वाले के पाप नष्ट हो जाते हैं। मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि गुरु और ब्राह्मण भगवान का रूप होते हैं। भगवान भी ब्राह्मण की पूजा करते हैं।

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