केंद्र-किसान वार्ता सौहार्दपूर्ण, अगले दौर की वार्ता 19 मार्च को: कृषि मंत्री शिवराज चौहान

चंडीगढ़ : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और किसान मंचों के बीच दूसरे दौर की वार्ता तीन घंटे बाद यहां समाप्त हुई। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा अनुकूल माहौल में हुई। चौहान ने कहा कि अगली बैठक 19 मार्च को होगी। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि एमएसपी पर खरीदी जाने वाली फसलों की मात्रा पर चर्चा हुई, लेकिन मतभेद पैदा हो गया। चीमा ने कहा कि तीन केंद्रीय मंत्रियों ने जगजीत सिंह दल्लेवाल से अनशन खत्म करने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। तीन केंद्रीय मंत्रियों ने पंजाब सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में दोनों मंचों के 28 प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। यह केंद्र और दोनों मंचों के प्रतिनिधियों के बीच दूसरे दौर की वार्ता की दूसरी बैठक थी, जो पिछले साल फरवरी से शंभू और खनौरी में हरियाणा के साथ पंजाब की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन साल भर के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 60 से अधिक किसानों की मौत भी हो चुकी है। 14 फरवरी को हुई दूसरे दौर की वार्ता की पहली बैठक में किसानों की मांगों पर आपस में बातचीत जारी रखने और समाधान निकालने का निर्णय लिया गया, जिसमें मुख्य रूप से एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना, किसानों और खेत मजदूरों के लिए कर्ज माफी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन योजना, 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को रद्द करना और विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देना शामिल है।