करनाल की नई अधिकृत 8 कॉलोनियों में सीवरेज व जलापूर्ति पाईप लाईन डालने की तैयारी

वरूण गुलाटी
अभी अभी ब्रेकिंग, करनाल। नगर निगम करनाल क्षेत्र की अधिकृत हुई 8 नई कॉलोनियों में सीवरेज व जलापूर्ति पाईप लाईन डाले जाने का कार्य आगामी वर्ष में शुरू होगा। कार्य की तकनीकी मंजूरी लेने के लिए केस बनाकर जन स्वाथ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के मुख्यालय को भेजा गया है। यह जानकारी गुरूवार को इस संबंध में हुई बैठक में नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यह कार्य जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की करनाल डिवीजन-एक के द्वारा अमरूत-2 स्कीम में करवाए जाएंगे। इनका अनुमान तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया था। इस पर खर्च होने वाला कोष भी आ गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यालय से तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद इस कार्य की निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। उसके बाद सीवरेज व जलापूर्ति पाईप लाईन डाले जाने का कार्य शुरू किया जाएगा। निगमायुक्त ने बताया कि अधिकृत हुई कॉलोनियों में सीवरेज व वाटर सप्लाई लाईन डाले जाने के कार्य पर अनुमानित 128 करोड़ 21 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इस कार्य में अधिकृत कॉलोनियों में 12 किलोमीटर तथा शहर के अन्य क्षेत्रों में 48 किलोमीटर सीवर लाईन डाली जाएगी। इस पर अनुमानित 89 करोड़ 67 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। दूसरी ओर अधिकृत कॉलोनियों में साढे 13 किलोमीटर वाटर सप्लाई लाईन डाली जाएगी। इसके अतिरिक्त 20 नलकूप लगाए जाएंगे। इनमें से 8 नलकूप नई अधिकृत कॉलोनियों में तथा 12 शहर के अन्य क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। इन पर अनुमानित 38 करोड़ 54 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
इन 8 अधिकृत कॉलोनियों में होगा कार्य
उन्होंने बताया कि जिन कॉलोनी में सीवर व वाटर सप्लाई लाईन डाली जानी हैं, उनमें कनिका विहार एक्सटेंशन, आर.के. पुरम पार्ट-2, सुखबीर कॉलोनी, आर.के. पुरम एक्सटेंशन नजदीक रजवाहा, विजय नगर, बलराम कॉलोनी फूसगढ़, शक्तिपुरम एक्सटेंशन तथा विकास कॉलोनी मेरठ रोड शामिल हैं। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन कार्यों की जल्द से जल्द तकनीकी मंजूरी ली जाए। उसके तुरंत बाद निविदाएं आमंत्रित कर ली जाएं, ताकि कार्य जल्दी शुरू करवाए जा सकें। उन्होंने बताया कि इन कार्यों से शहरवासियों को पर्याप्त मात्रा में पीने का पाना मुहैया होगा तथा दूसरी ओर सीवरेज पानी की भी पर्याप्त निकासी हो सकेगी। बैठक में नगर निगम के तकनीकी विशेषज्ञ सतीश शर्मा, पीएचईडी डिवीजन-1 के कार्यकारी अभियंता विकास बाल्यान व एसडीओ विकास गुप्ता तथा एचएसवीपी के एसडीओ सुभाष बनखड़ मौजूद रहे।