झांसी अस्पताल में आग लगने से मरने वालों की संख्या 12 हुई, जांच जारी

झांसी : झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बीते शुक्रवार को लगी आग में एक और नवजात की मौत हो गई है। इसके साथ ही आग में मरने वाले नवजातों की संख्या 12 पहुंच गई है। उधर, सोमवार को घटना की जांच के लिए शासन की एक टीम भी यहां पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक, झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात करीब 10 बजे भीषण आग लग गई, जिसमें 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चे ने रविवार को दम तोड़ दिया। अब सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। यह बच्चा जालौन जिले के निवासी विशाल की पत्नी मुस्कान का है। जन्म से ही गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर उसे मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। घटना के वक्त वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 बच्चों को बचाकर बाहर निकाल लिया गया। घटना की जांच के लिए शासन ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के नेतृत्व में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। सोमवार को कमेटी जांच के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंची। सूत्रों ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में लगी आग में करीब दो करोड़ रुपये के जीवन रक्षक उपकरण जल गए हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के मुताबिक नवजात शिशुओं को एसएनसीयू में तभी भर्ती किया जाता है, जब उनकी हालत ज्यादा खराब हो जाती है।
प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि वार्ड में बच्चों के इलाज के लिए आठ उच्च गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर, बबल, सी-पैप, एचएफएनसी (हाई फ्लो नेचुरल कैंडुला) मशीन, एचएफओ, 18 क्रेडल आदि मशीनें थीं, जिनकी कीमत दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। सभी मशीनें जल गई हैं। आग लगने के बाद एसएनसीयू से बच्चों को निकाल लिया गया, लेकिन समुचित इलाज की समस्या खड़ी हो गई। झांसी में आग लगने से उपकरण नष्ट होने के बाद अब मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू में ही 10 बेड का नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र स्थापित किया गया है। यहां जन्म के बाद गंभीर हालत वाले नवजातों को भर्ती किया जा सकेगा। साथ ही आग लगने के बाद शिशुओं को यहां शिफ्ट किया गया है। आग की घटना के बाद बचाए गए नवजातों को पहले इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। फिर वहां से एसएनसीयू तैयार होने के बाद उसे पीआईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया।