‘प्रभु राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में विराजमान होने चाहिए, यही उनकी भक्ति है’

करनाल, अभी अभी। छठ पर्व सेवा समिति मंडल की ओर से महाछठ पर्व के उपलक्ष्य में श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन कथा सुनाते हुए मुख्य कथा व्यास श्री सुशील शास्त्री जी ने कहा कि प्रभु राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया। उन्होंने कहा कि प्रभु राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया था कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इस मौके पर प्रधान सुरेश कुमार यादव ने बताया कि पांच नवंबर को स्नान भोजन होगा। छह नवंबर को खरना मनाया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम के तहत सात नवंबर की शाम को व आठ नवंबर को सुबह भगवान सूर्य को अघ्र्य देने के लिए हजारों लोग पश्चिमी यमुना नहर पर पहुंचेंगे। मंदिर को भव्य रूप में सजाया गया है। धर्मशाला में उचित व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं के लिए रहेंगी।
इस अवसर पर अर्जुन पंडित, उमेश चौहान, राम दयाल यादव, शत्रोघन राय, राम सागर राय, भोला राय, सिकंद्र मेहतो, नागेंद्र मेहतो, रोहित कुमार, सुधीर यादव, राम बिलास यादव, दिलीप कुमार, भूषण यादव, अरविंद यादव, संजीव मेहतो, दिवाकर, कृष्ण कुमार, दीपक कुमार, वशिष्ठ पंडित, राजन पंडित, राम सकल, चंदन कुमार, मोहन मेहतो, बोध नारायण मेहतो, नंद किशोर गुप्ता, अशोक कुमार, राम नारायण, राम कुमार, कारी पासवान, संजय, राजेश्वर, घणयश्याम व रवि कुमार आदि मौजूद रहे।