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आध्यात्मिक बंधन हमेशा सुखदाई होते हैं : प्रेम दीदी

करनाल, अभी अभी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात सेवा केंद्र की ओर से रक्षा बंधन पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर आर्ट एंड कल्चर विंग की नेशनल कोर्डिनेटर राजयोगिनी प्रेम दीदी ने रक्षा बंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि रक्षा और बंधन दोनों विपरीत शब्द हैं। किसकी रक्षा और कैसा बंधन। वास्तव में आत्मा को चाहिए पांच विकारों से रक्षा। जब संगमयुग पर परमात्मा शिव आकर सभी आत्माओं को पवित्रता की प्रतिज्ञा का रक्षासूत्र बांधते हंै तभी आत्मा की काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से रक्षा होती है। वास्तव में बंधन दो प्रकार के होते हैं एक सांसारिक बंधन जो मनुष्य के लिए दुखदाई होते हैं दूसरे होते हंै आध्यात्मिक बंधन जो सदा सुखदाई होते हैं तो रक्षा बंधन भी आध्यात्मिक व धार्मिक बंधन है। वास्तव में आत्मा को पांच प्रकार की रक्षा चाहिए दुखों व संकटों से रक्षा, धर्म व अस्तित्व की रक्षा, काल के पंजे से रक्षा, प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा मायावी जंजीरों व कर्म बंधनों से रक्षा। ये रक्षा कर पाना किसी मनुष्य के वश की बात नहीं है। यह रक्षा केवल परमरक्षक परमात्मा शिव ही कर सकते हैं। इस मौके पर बी.के. शिखा बहन ने कहा मनुष्य स्वभाव से ही स्वतंत्रता प्रेमी है। वह बंधना नहीं चाहता, लेकिन रक्षा बंधन ऐसा सुखदाई बंधन है, जिसमें हर कोई खुशी-खुशी बंधना चाहता है। उन्होंने रक्षा बंधन के निमित्त माउंट आबू से ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका द्वारा आया हुआ पत्र सबको पढकऱ सुनाया व प्रतिज्ञा भी करवाई। ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने इस मौके पर कहा कि रक्षा सूत्र बांधने के बाद मुख मीठा कराया जाता है। हमारे मीठे बोल का यह प्रतीक है। तिलक लगाना आत्म स्मृति का सूचक है, क्योंकि हमें परमात्मा स्वयं रक्षा सूत्र बांधते हैं तो रिटर्न में हमें अपना तन, मन, धन उन पर बलिहार करना है और उन्हें अपने अंदर होने वाली कमियों, कमजोरियों व विकारों की खर्ची देनी है। इस मौके पर कुमारी रितिका व शारवी ने परमपिता देेते सच्ची सच्ची राखी की पहचान, पवित्रता की राखी बांधो करो जग का कल्याण गीत पर सुंदर नृत्य से सबको भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर चीफ जनरल मैनेजर मार्डन डेयरीज डॉ पीके जैन करनाल को पहली राखी बांधी गई। तत्पश्चात सिनीयर एडवोकेट नरेश बराना, सुरजीत संधु, महेंद्र संधु, कैप्टन भ्राता आरके राणा, ललित सरदाना, सुरेश मेहता, डा. डी.डी. शर्मा, रितेश विज, रामलाल कटारिया, रामनिवास गर्ग, हरी कांबोज, डा. के.के. चावला, भारत भूषण चावला, सुरिंद्र नागरू, गायत्री देसवाल, छवि चौधरी, सुनीता मदान, विमल मेहता, जगदीश कादियान, हरिकृष्ण नारंग, बीके शिवका, आरती, ज्योति व सारिका सहित सैकड़ों लोगों ने ब्रह्माकुमारी बहनों से शिव परमात्मा की राखी बंधवाई। खास तौर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय बठला, पूर्व पार्षद मेघा भंडारी, संजीव बजाज व समाजसेवी राकेश छाबड़ा ने बी.के. बहनों से राखी बंधवाई।

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