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केवीए डीएवी महिला महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन

करनाल, अभी अभी। कुमारी विद्यावती आनंद डीएवी महिला महाविद्यालय में बौद्धिक अधिकार समिति और पुस्तकालय के सौजन्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका विषय शैक्षिक संस्थानों में नवाचारा और बौद्धिक संपदा की भूमिका रहा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में सीनियर सांईटिस्ट डा. दिनेश कुमार (डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल नायोइनफॉरमेटिक्स आईसीएआर इंडियन एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स रिसर्च इंस्टीटयूट नई दिल्ली उपस्थित रहे। महाविद्यालय की प्राचार्या मीनू शर्मा और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की समन्वयक डा. मंजू सिंह और डा. सुनीत भंडारी और आयोजन समिति की प्राध्यापिकाओं डा. अंजू नरवाल, डा. मोनिका सैनी और डा. नादिया चौहान ने डा. दिनेश का स्वागत किया। डा. दिनेश ने प्रध्यापिकाओं और छात्राओं को बौद्धिक संपदा अधिकारों और उसके प्रकारों से अवगत करवाया। यह भी बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकारों का प्रयोग करके हम अपनी नई-नई विधियों, तकनीकों, कार्य पद्धतियों, नए उत्पादों, नए विचारों को कॉपी होने या चोरी होने से बचा/सुरक्षित कर सकते हैं। आधुनिक समय में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।

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