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हरियाणा में हड़ताल पर बीज, खाद विक्रेता, मंडियों में बनाए धरना स्थल

करनाल, अभी अभी। हरियाणा में बीज, पेस्टीसाइड व खाद विक्रेता चार दिनों से हड़ताल पर हैं। सभी जिलों में दुकानें बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। सरकार द्वारा लागू सीड्स व पेस्टीसाइड्स एक्ट 2025 के विरोध में यह हड़ताल जारी है। विरोध दर्ज करवाने के लिए प्रदेश की सभी मंडियों में विक्रेताओं ने अस्थाई धरना स्थल बना दिए हैं। करनाल के सभी ब्लॉकों में भी विक्रेता मंडियों में धरना स्थलों पर इक्टठा हुए और नारेबाजी की। ब्लॉक प्रधानों की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन किए गए। जिला करनाल फर्टिलाइजर, पेस्टीसाइड एवं सीड ट्रेडर्ज एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार गुप्ता ने कहा कि बीज में किसी प्रकार की कोई खामियां होती है, तो वह प्रोड्यूसर का काम होता है। डीलर सिर्फ किसान और प्रोड्यूसर के बीच की कड़ी होता है। अब अगर ऐसे में किसी भी प्रकार की खामियां पाई जाती है, तो डीलर को दंड भुगतना पड़ेगा। यह उचित नहीं है। विधानसभा में ऐसा एक्ट पारित किया गया, जो व्यापारियों के हित में कदापि नहीं हो सकता। प्रधान रामकुमार गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार के अनुसार अगर बेचे गए बीज की गुणवत्ता खराब पाई जाती है, तो विधेयक के तहत उत्पादक और विक्रेता दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में उत्पादक और विक्रेता दोनों को 3 महीने से 3 साल तक की जेल और 50 हजार से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इस संशोधन विधेयक में विक्रेता को भी उत्पादक के समान जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि विक्रेता का काम केवल बीज बेचना होता है। बीज की गुणवत्ता की जिम्मेवारी उत्पादक पर होती है। विक्रताओं का कहना है कि इस कानून के तहत उन्हें बेवजह परेशान किया जाएगा, जिसकी वजह से उनके व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी विक्रेता एकजुट हैं और एक्ट में किए गए बदलावों को वापस करवाने के बाद ही काम शुरू करेंगे। इस अवसर पर महासचिव गुरमेज सिंह, कोषाध्यक्ष बृजजलाल गर्ग, नीलोखेड़ी ब्लाक प्रधान देवेंद्र चौहान, घरौंडा प्रधान सुशील गर्ग, इंद्री प्रधान रमन कुमार, निसिंग प्रधान विनोद गोयल, करनाल प्रधान विकास बंसल, असंध प्रधान महेंद्र गोयल व राधेश्याम राणा आदि मौजूद रहे।

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