नगर निगम चुनाव : अनुसूचित जाति वर्ग की सीट कम किए जाने पर सौंपा ज्ञापन

करनाल, अभी अभी। हरियाणा सरकार द्वारा नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिका चुनाव के लिए वर्ष 2011 की वोटर की संख्या को आधार मानकर अनुसूचित जाति वर्ग की पार्षद सीट को कम करने की समस्त एससी/एसटी समाज, गुरु रविदास सभाओं व अंबेडकर सभाओं ने निंदा की है। करनाल में जिला उपायुक्त के नाम सौंपे गए ज्ञापन मेें मांग की गई कि 2023 की वोटर संख्या को आधार मानकर ही अनुसुचित जाति वर्ग की सीटों को पहले की तरह ही बरकरार रखा जाए। इस मौके पर अनुसूचित जाति एकता मंच के वरिष्ठ उपप्रधान जोगिंद्र वाल्मीकि ने कहा कि वर्ष 2018 में करनाल नगर निगम के अंदर अनुसूचित जाति वर्ग की चार सीटें, जिनमें वार्ड नंबर 1, 6, 14 व 16 को अनुसूचित जाति वर्ग की वोट संख्या अधिक मानकर अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। अब वार्ड नंबर 16 को अनुसुूचित जाति वर्ग की श्रेणी से हटाकर सामान्य कर दिया गया है। हालांकि इस वार्ड में अनुसूचित जाति वर्ग की वोटर संख्या भी पहले की तरह ही है। ऐसा करके सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लोगों को उनके हक और अधिकारों से वंचित करने का काम किया है। वर्ष 2023 में नगर निगम करनाल में नए वोटरों की संख्या बढऩे के साथ-साथ अनुसुचित जाति वर्ग के वोटरों की संख्या भी काफी बढ़ी है। सरकार से मांग करते हैं कि वर्ष 2023 की वोटर संख्या को आधार मानकर ही अनुसूचित जाति वर्गै की सीटों को पहले की तरह ही बरकार रखा जाए। इस अवसर पर डॉ बी आर अंबेडकर नवनिर्माण सभा के प्रधान कृष्ण कुटेल, गुरु रविदास सभा करनाल के प्रधान रोहित जोशी, धानक समाज करनाल के प्रधान सुशील खटक, हरियाणा वाल्मीकि जागृति मिशन के प्रधान भारत ढिल्लों, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जीनगर समाज करनाल के प्रधान किशन सोलंकी, वाल्मीकि मंदिर सभा माडल टाउन के प्रधान सुरेश वाल्मीकि, कोरी समाज कल्याण सभा करनाल के प्रधान प्रकाश वीर, समस्त खटीक समाज करनाल के प्रधान विजय कुमार, डेहा समाज जागृति सभा के प्रधान अमित कुमार, दया प्रकाश, दीपक सरोहा, सुनील सोदा, बलविंदर सरोहा, सुनील, सुरेंद्र, राकेश कर्दम व श्याम प्रकाश आदि मौजूद रहे।