#Protest

मिड डे मील वर्करों ने प्रदर्शन कर 26 हजार रुपए वेतन की मांग की

करनाल, अभी अभी। मिड डे मील वर्कर यूनियन ने मांगों को लेकर जिला स्तर पर रैली कर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी करनाल को निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिला प्रधान शिमला देवी ने अध्यक्षता की। संचालन जिला कैशियर ओपी माटा ने किया। जिला प्रधान शिमला, कैशियर ओपी माटा व सीटू जिला प्रधान सतपाल सैनी ने कहा कि मिड डे मील वर्करों को दो महीने से मानदेय नही मिला है। वर्कर भूखा मरने की कागार पर हैं। करनाल के स्कूलों में मिड डे मील वर्करों से चपडासी, स्वीपर व माली का काम लिया जा रहा है, इसको बंद किया जाए। बच्चे बढऩे पर हटाई गई कुक को नौकरी पर लगाया जाए। महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी लेकिन लंबे समय से वर्करों के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नही की है। महंगाई ने कमर तोडक़र रख दी है, जिसे लेकर वर्कर्स बेहद नाराज हैं। इसका खामियाजा विधान सभा चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ा है। संगठन नेताओं ने कहा कि करनाल में 1800 मिड डे मील वर्कर्स हैं जो भारी समस्याओं का सामना कर रही है। संगठन नेताओं ने कहा कि सरकार पूरी तरह से सरकारी शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने पर उतारू है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते हुए राज्य में हजारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं। हजारों मिड डे मील वर्करों की नौकरी छीनी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में काम करने वाले सभी अध्यापकों व कर्मचारियों को साल के पूरे 12 महीने का वेतन मिलता है। मिड डे मील वर्करों को केवल 10 महीने का ही वेतन दिया जाता है। किसी भी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार मिड डे मील वर्करो को स्थाई करे ओर जब तक स्थाई किया जाता है तब तक न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए लागू करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस हो और स्कूल मर्ज करना बंद हो तथा हटाई गई वर्करों को काम पर लिया जाए। इस अवसर पर सतपाल सैनी, सेवा राम, कामरेड जगमाल सिहं, मनोज, जरासो, शिमला, ओ पी माटा, कविता, अनीता, मुन्नी, कमलेश डाचर, , मुर्ती, नीलम, अंजु व ममता ने संबोधित किया।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *