निर्यातकों के लिए ब्याज समानीकरण योजना 30 सितंबर तक बढ़ाई गई
नई दिल्ली। सरकार ने एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात से पहले और बाद में रुपये में लिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज समानीकरण योजना की अवधि 30 सितंबर 2024 तक बढ़ा दी है। इस योजना का मकसद निर्यात को प्रोत्साहन देना है। निर्यातकों को ब्याज लाभ प्रदान करने वाली यह योजना 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी। जून में इसे दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक व्यापार नोटिस में कहा, ‘‘ व्यापार तथा उद्योग को सूचित किया जाता है कि निर्यातकों के लिए निर्यात से पहले और बाद में रुपये में लिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज समानीकरण योजना की अवधि 30 सितंबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया कि वह योजना केवल सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम (एमएसएमई) विनिर्माण निर्यातकों के लिए है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इससे पहले आठ दिसंबर 2023 को इस योजना को 30 जून तक जारी रखने के लिए 2,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी दी थी। निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपए में लिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है।











































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































