भारत सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र है: उपराष्ट्रपति
वाराणसी, एजेंसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े और खूबसूरत घाट ‘नमो घाट’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म आक्रमणकारियों सहित सभी को गले लगाता है और हमें एकता और दृढ़ संकल्प सिखाता है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि योगी जी अपनी लगन और निष्ठा से उत्तर प्रदेश को अग्रणी उद्यम राज्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी संरक्षण, सृजन और दूरदर्शी विकास के लिए समर्पित हैं, उसी तरह योगी आदित्यनाथ भी एक तपस्वी की तरह उत्तर प्रदेश में ऐसा ही काम कर रहे हैं। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कई मौकों पर उनके मार्गदर्शन का लाभ मिला है। उपराष्ट्रपति ने ‘नमो घाट’ के उद्घाटन को अपने लिए सौभाग्य का क्षण बताया। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े घाट का उद्घाटन करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। जब मुख्यमंत्री योगी जी ने पूछा कि भारत के अलावा और कहां घाट हैं? तो मेरी बात और पुख्ता हो गई। काशी मोक्ष की नगरी है और इसकी परंपराएं निरंतर जीवंत हैं। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि उद्घाटन दिवस का संयोग बहुत खास है। आज सिख धर्म के संस्थापक प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को भी याद किया और आदिवासी समुदाय की गौरवशाली विरासत की प्रशंसा की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा गया है। इस महायज्ञ में हर भारतीय को अपना योगदान देना होगा। उपराष्ट्रपति ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने हमें बार-बार याद दिलाया है कि हमारी सांस्कृतिक जड़ें हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार हैं। इसे संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में स्वदेशी भावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी दीये देश की मिट्टी, तेल और कपास का अनूठा मिश्रण हैं। वैश्विक व्यापार में भी हमें स्वदेशी भावना को ध्यान में रखना चाहिए। सामाजिक समरसता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सामाजिक समरसता की नींव है। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मतभेद कम से कम होने चाहिए। त्योहारों की खास बात है सौहार्दपूर्ण संवाद और आस-पड़ोस का ख्याल रखना। उपराष्ट्रपति ने कहा, देव दिवाली का पारंपरिक त्योहार समाज के हर वर्ग को एक साथ आने का अवसर देता है। यह बदलते भारत की तस्वीर को दर्शाता है और यह ऐतिहासिक क्षण मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ‘नमो घाट’ के उद्घाटन के साथ वाराणसी ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को गर्व के साथ दुनिया के सामने पेश किया है। इस मौके पर उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, मेयर अशोक तिवारी, एमएलसी धर्मेंद्र, हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, सुनील पटेल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.











































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































