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समाज सुधारक, बुद्धिजीवी और चिंतक थे डा. भीमराव अंबेडकर : राजेश सोलंकी

करनाल, अभी अभी। अंबेडकर प्रोफेर्स एसोसिएशन हरियाणा की ओर से डा. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। सभी सदस्यों ने डा. भीमराव अंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर एसोसिएशन की करनाल इकाई के प्रधान प्रो. राजेश सोलंकी ने कहा कि हमारे संविधान को तैयार करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर की बड़ी भूमिका थी। इसी वजह से वह संविधान निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं। वह बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे। आज उनकी पुण्यतिथि है और उनकी पुण्यतिथि को परिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। राजेश सोलंकी ने कहा कि सामाजिक समता और सामाजिक न्याय जैसे सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम अग्रणी है। समाज सुधारक, बुद्धिजीवी और चिंतक डा. भीमराव अंबेडकर ने जो देश को दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। महासचिव राजेश रंगा ने कहा कि डा. अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में दलितों और हाशिए पर रहने वाले समूहों के अधिकारों के लिए अभियान चलाया, इस प्रकार उनके प्रयासों ने भारत में सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा दिया। उपप्रधान सुमति ने कहा कि डॉ. अंबेडकर महिला अधिकारों के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने उन कानूनों में सुधार लाने की दिशा में कार्य किया, जिनमें महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया था। इस अवसर पर महासचिव राजेश रंगा, उपप्रधान सुमति, वरिष्ठ सदस्य कंवरभान, वरिष्ठ सदस्य प्रो. रामपाल, पालेराम, रामनिवास, कुलदीप, बलवंत व महीपाल आदि मौजूद रहे।

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