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गुस्से में कर्मचारी : कोई सत्ताधारी नेता मिलने नहीं पहुंचा, प्रशासन का आश्वासन झूठा निकला

करनाल, अभी अभी। जिला सचिवालय के सामने तीन अक्तूबर से धरने पर बैठे रोहतक पीजीआई के कर्मचारियों में सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। हैरानी की बात है कि उनकी बात सुनने के लिए कोई भी सत्ताधारी नेता मिलने के लिए नहीं पहुंचा। करनाल जिला प्रशासन ने जो आश्वासन दिया था वह भी झूठा निकला। यहां उल्लेनखीय है कि रोहतक पीजीआई में काम करने वाले 1271 ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम से नहीं जोड़ा गया है। हरियाणा सरकार द्वारा सितंबर 2021 में एचकेाआरएन पालिसी बनाई गई थी। उस पॉलिसी के तहत सभी कर्मचारियों को एचकेआरएन पोर्टल पर चढ़ाया जाना चाहिए। अनुबंध कर्मचारी हेल्थकेयर रोहतक एसोसिएशन का कहना है कि कर्मचारियों को बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। खेद की बात है कि सभी त्यौहार कर्मचारियों को फुटपाथ पर बैठकर मनाने पड़े। अभिषेक और राकेश ने कहा कि पीजीआईएमएस रोहतक में कार्यरत 1271 कर्मचारी एचकेआरएन पोर्टल से जोड़े जाने की मांग को प्रमुख तौर पर उठाया जा रहा है। उनका कहना है कि हरियाणा के काफी संख्या में कर्मचारियों को एचकेआरएन से जोड़ा गया है। हमारी अनदेखी क्यों की गई। बीती 26 सितंबर को रोहतक से पैदल मार्च की शुरूआत की गई थी। 29 सितंबर की शाम को वह करनाल पहुंच गए। यहां जाट धर्मशाला में पुलिस प्रशासन ने उन्हें नजरबंद करके रखा। चंडीगढ़ की ओर नहीं बढऩे दिया गया। दूसरी ओर रोहतक में हड़ताल और धरना जारी है। एसोसिएशन ने जॉब सिक्योरिटी पत्र जारी करने की मांग भी की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधान अभिषेक, महासचिव महेश, राकेश प्रधान, अमित, ईश्वंती, संजय, सुरेंद्र, अशोक, प्रदीप व राजू मौजूद रहे।

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