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फसली ऋणों पर ब्याज वसूलने का फरमान किसानों के साथ अन्याय : बहादुर मेहला

करनाल, अभी अभी। हरियाणा में फसली ऋणों पर सात प्रतिशत ब्याज वसूलने का फरमान जारी कर दिया गया है। अभी तक फसली ऋणों पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता था। भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम ने सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है। यूनियन के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी किसानों के कितने हितेषी है इसका खुलासा एक बार फिर हो गया है। भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुणी करने का वादा करके सत्ता में आई थी। सत्ता हाथ लगते ही भाजपा नेता यह वादा भूल गए। इसके विपरीत किसानों को परेशान करने वाली नीतियां बनाई गई। तीन कृषि कानून जबरन किसानों पर थोपने का प्रयास किया गया। हालांकि किसान संगठनों के लंबे संघर्ष के बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। बहादुर मेहला ने कहा कि सरकार किसानों कर्जा माफ करने या उन्हें राहत देने की बजाए आए दिन बेतुके फरमान जारी कर रही है। हरियाणा में ग्रामीण सहकारी बैंकों की ओर से सभी शाखा प्रबंधकों और पैक्स प्रबंधकों को आदेश जारी किए गए हैं कि फसल ऋण की वसूली करते समय देय सदस्य से सात प्रतिशत तथा अतिदेय सदस्य से अतिदेय ब्याज वसूल किया जाए। बहादुर मेहला ने कहा कि प्रदेश में लंबे अर्से से फसली ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। अब अचानक ब्याज लेने का फैसला गलत है। भाकियू सर छोटूराम इसका विरोध करती है। ब्याज वसूलने का फरमान तुरंत वापस लिया जाए अन्यथा किसान सडक़ों पर उतर आएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।

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