200 करोड़ रुपए की लागत से 21वीं पशुधन गणना शुरू
नई दिल्ली। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने शुक्रवार को 200 करोड़ रुपए की लागत से 21वीं पशुधन गणना की शुरूआत की। गणना का काम अगले साल फरवरी तक पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सटीक आंकड़ों की उपलब्धता से सरकार को पशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र में उच्च विकास हासिल करने के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। सिंह ने महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के मकसद से 2.5 करोड़ डॉलर की ‘महामारी निधि परियोजना’ भी शुरू की। मंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने मंत्रालय के अधिकारियों से इस गणना अभियान की नियमित रूप से निगरानी करने को कहा। रिपोर्ट अगले साल आएगी। 21वीं पशुधन गणना अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान आयोजित की जाएगी। गणना प्रक्रिया में अखिल भारतीय स्तर पर लगभग एक लाख क्षेत्रीय अधिकारी शामिल होंगे। इसमें से ज्यादातर पशु चिकित्सक या पैरा-पशु चिकित्सक हैं। गणना में 16 प्रजातियों की 219 देशी नस्लों के आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन मौजूद थे।











































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































