सरकार ने कसी नकेल, धोखाधड़ी और साइबर अपराध में शामिल 78.33 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन काटे

NEW DELHI : दूरसंचार विभाग ने फर्जी दस्तावेजों पर प्राप्त मोबाइल कनेक्शनों की पहचान के बाद 78.33 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं। इसके अलावा, साइबर अपराध में संलिप्तता की रिपोर्टिंग के आधार पर 6.78 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं। यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।
उन्होंने बताया कि ग्राहकों को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए मौजूदा अपने ग्राहक को जानो ढांचे को मजबूत करने के लिए, दूरसंचार विभाग ने अब दूरसंचार लाइसेंसधारियों को अपने पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) {फ्रैंचाइजी, वितरक और एजेंट} को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है, जो ग्राहकों का पंजीकरण करते हैं और लाइसेंसधारियों की ओर से सिम जारी करते हैं।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन दिशा-निर्देशों में, अन्य बातों के साथ-साथ निम्न बातें अनिवार्य की हैं, जो इस प्रक्रार हैं –
- प्रत्येक पी.ओ.एस. का पूर्ण सत्यापन
- पीओएस का बायोमेट्रिक सत्यापन
व्यवसाय के स्थान और पीओएस के स्थानीय निवास के पते का भौतिक सत्यापन - जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्व लाइसेंस सेवा क्षेत्रों (एलएसए) में पीओएस का पुलिस सत्यापन
- पीओएस के दायरे और कर्तव्यों, संचालन के क्षेत्र (एलएसए के भीतर सीमित), समझौते की समाप्ति सहित उल्लंघन के लिए दंडात्मक कार्रवाई से संबंधित विशिष्ट प्रावधानों वाले पारस्परिक समझौतों पर हस्ताक्षर
- यदि पीओएस द्वारा दिए गए दस्तावेज/सूचना गलत/जाली हैं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए)/एलएसए के निर्देश पर हैं तो इन सभी टीएसपी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा
- काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाले गए पीओएस द्वारा नामांकित सभी मोबाइल उपभोक्ताओं का पुनः सत्यापन, यदि कोई मौजूदा पीओएस 31.01.2025 के बाद बिना पंजीकरण के ग्राहकों का रजिस्ट्रेशन करता हुआ पाया जाता है, तो प्रति पीओएस 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।